सब कुछ तेरी आँखों का सबब ही तो है जो आज भी मैं परिंदा गुमनाम सा हूँ...
तेरी मोहब्बत क्या मिली अब तो अपनी ही नजर में बदनाम सा हूँ...
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तेरी मोहब्बत क्या मिली अब तो अपनी ही नजर में बदनाम सा हूँ...
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चला जाता है अक्सर वो मुझकों सपने दिखाकर...
मिलता भी नही है मुझसे वो खुद से मिलाकर...
कभी सूरज की गर्मी कभी चांद सी नर्मी है उसमें...
सब कुछ पिला देता है परिन्दे को अपना बनाकर...
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मिलता भी नही है मुझसे वो खुद से मिलाकर...
कभी सूरज की गर्मी कभी चांद सी नर्मी है उसमें...
सब कुछ पिला देता है परिन्दे को अपना बनाकर...
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परिन्दे को बाहों में बिखर जाने दो...
अपनी खुशनुमा सांसों से महक जाने दो...
दिल मचलता है और सांस थम सी जाती है...
अब तो सीने में अपने मुझे उतर जाने दो...
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अपनी खुशनुमा सांसों से महक जाने दो...
दिल मचलता है और सांस थम सी जाती है...
अब तो सीने में अपने मुझे उतर जाने दो...
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"साथ भीगें बारिशों में ये तो अब मुमकिन नहीं,
चल भीगें यादों में...तू कहीं.. मैं कहीं।”
#shayari #shayri #hindishayari #rain #बारिश
चल भीगें यादों में...तू कहीं.. मैं कहीं।”
#shayari #shayri #hindishayari #rain #बारिश
“वज़ह कुछ और थी...कुछ और बताते रहे,
वो अपने थे इसलिए कुछ ज़्यादा ही सताते रहे।”
#throwback #oldpost #memories
वो अपने थे इसलिए कुछ ज़्यादा ही सताते रहे।”
#throwback #oldpost #memories
बहुत तड़पाते है इंतजार के पल कह के गए थे हम आएंगे कल...
कौन समझेगा मेरी बेचैनी, न तुम आये न फिर आया कल...
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कौन समझेगा मेरी बेचैनी, न तुम आये न फिर आया कल...
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एक न एक दिन छट जाएंगे तेरी नफरतों के बादल...
फिर तुम समझोगे ये परिंदा क्यों है तेरी मोहब्बत में पागल...
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फिर तुम समझोगे ये परिंदा क्यों है तेरी मोहब्बत में पागल...
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कुछ लहजा हुआ तल्ख तो वो बुरा मान गए...
हमारी मोहब्बत से वह अनजान हो गए...
ए परिन्दे इतना कमजोर निकला प्यार तेरा...
कि शायद आज हम अपनी मोहब्बत से ही हार गए...
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हमारी मोहब्बत से वह अनजान हो गए...
ए परिन्दे इतना कमजोर निकला प्यार तेरा...
कि शायद आज हम अपनी मोहब्बत से ही हार गए...
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जब मन उदास हो तो एक काम किया करो...
भीड़ से हटकर सिर्फ महादेव का नाम लिया करो...
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भीड़ से हटकर सिर्फ महादेव का नाम लिया करो...
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