खबर पक्की है, खयाल तक नहीं,
मजबूरियां करतब करती, उसे सलाम तक नही,
कोसते क्यों हो, इन गिरते पतों की तरह,
बदलते तो मौसम है, पेड़ों को आराम तक नहीं। ।।
- Barfa
मजबूरियां करतब करती, उसे सलाम तक नही,
कोसते क्यों हो, इन गिरते पतों की तरह,
बदलते तो मौसम है, पेड़ों को आराम तक नहीं। ।।
- Barfa
सब खुश है , सब ठीक है ,
वक्त मांगना किसी से भीख है ,
ये तो सबकी अपनी अपनी तरकिबे है ,
किसी का झुक जाना तो किसी का Ego ही ठीक है ।
Barfa
वक्त मांगना किसी से भीख है ,
ये तो सबकी अपनी अपनी तरकिबे है ,
किसी का झुक जाना तो किसी का Ego ही ठीक है ।
Barfa
मन को मना लेना ही ठीक है ,
क्युकी, हर जिद्द खुशी नही देती ।।
- अज्ञात
क्युकी, हर जिद्द खुशी नही देती ।।
- अज्ञात
सब्र एक तरफा लेकिन इंकार तो नही ।
खुश हूं तेरे बाद भी
तेरे साथ का अब इंतेजार भी नही ।
Barfa
खुश हूं तेरे बाद भी
तेरे साथ का अब इंतेजार भी नही ।
Barfa
वक्त नहीं है न पास तुम्हारे , अब मैं भी गैर सा हूं ,
शिकायत तो है मुझे, लेकिन अपने ही शहर में
कैद सा हूं ,
Barfa
शिकायत तो है मुझे, लेकिन अपने ही शहर में
कैद सा हूं ,
Barfa
तालुकात थोड़े बिगड़ गए है,
हम वही है, वोही थोड़े बिछड़ गए है ।
Barfa
हम वही है, वोही थोड़े बिछड़ गए है ।
Barfa
कितना भी बचाते फिरो इस दिल को ,
इसे तोड़ेंगे तो एक दिन अपने ही ।।
Barfa
इसे तोड़ेंगे तो एक दिन अपने ही ।।
Barfa
उनकी खुशी के लिए उन्हें छोड़ा है,
ये न समझे हमे कोई और मिल गया है ।।
अज्ञात
ये न समझे हमे कोई और मिल गया है ।।
अज्ञात
तुम कहो तो सच, मैं कहूं तो झूठ ही तो होता है,
कितना भी निभा लो , बदलने वाला बदल ही तो जाता है ।।
नजदीकिया दूर से ही ठीक हैं, क्युकी दूर से देखने से सब ठीक ही तो होता है ।।
-Barfa
कितना भी निभा लो , बदलने वाला बदल ही तो जाता है ।।
नजदीकिया दूर से ही ठीक हैं, क्युकी दूर से देखने से सब ठीक ही तो होता है ।।
-Barfa
या तो वो या तो फिर ये ,
अब ये सौदा नहीं होगा ,
देखो पसन्द तो बहुत हो,
फिर कहना भी पड़े,
अब ये तो हमसे नही होगा ।।
Barfa
अब ये सौदा नहीं होगा ,
देखो पसन्द तो बहुत हो,
फिर कहना भी पड़े,
अब ये तो हमसे नही होगा ।।
Barfa
जानते हो फिर भी अंजान बनते हो ,
इस तरह हमे परेशान करते हो ।
पूछते हो तुम्हे क्या है पसंद ??
जवाब आप खुद हो और हमसे सवाल करते हो ।।
फर्जी शायर
इस तरह हमे परेशान करते हो ।
पूछते हो तुम्हे क्या है पसंद ??
जवाब आप खुद हो और हमसे सवाल करते हो ।।
फर्जी शायर
सब देख लिया, अब इंतेजार बाकी है ।
सब खोने वाली अभी वो रात बाकी है ।।
तालुक सही है या नही अभी बेखबर है ,
वक्त नहीं है न ,अभी वो मांगना बाकी है ।।
Barfa
सब खोने वाली अभी वो रात बाकी है ।।
तालुक सही है या नही अभी बेखबर है ,
वक्त नहीं है न ,अभी वो मांगना बाकी है ।।
Barfa
यूं दरमिया रहा करो हमसे ,
वक्त की घड़ी सख्त है ।
किस पल भर की तमन्ना,
किस पल में खत्म है ।।
Barfa
वक्त की घड़ी सख्त है ।
किस पल भर की तमन्ना,
किस पल में खत्म है ।।
Barfa
अक्सर खोया और पाया में इतना सा अंतर है
साथ होने और निभाने में जितना अंतर है ।
राह गिर को तो यूं कोई भी पता पूछ लेता है ।
उसका हाल न पूछना जितना अंतर है ।।
Barfa
साथ होने और निभाने में जितना अंतर है ।
राह गिर को तो यूं कोई भी पता पूछ लेता है ।
उसका हाल न पूछना जितना अंतर है ।।
Barfa
इससे ज्यादा अब और कितना करीब लाऊं में तुझे ,
तुझे दिल में रख कर भी मेरा दिल नही भरता ।।
फर्जी शायर
तुझे दिल में रख कर भी मेरा दिल नही भरता ।।
फर्जी शायर
एक दोस्त है जिससे अब बात नही होती ।
वो जैसे हुआ करती थी उसके साथ वैसी रात नही होती ।
अब लगता है सही कहते है सब ।
हर खास दोस्ती उम्र भर का साथ नही होती ।।
🤍
वो जैसे हुआ करती थी उसके साथ वैसी रात नही होती ।
अब लगता है सही कहते है सब ।
हर खास दोस्ती उम्र भर का साथ नही होती ।।
🤍
आवाज लगानी पड़े, झुठी कसमें खानी पड़े,
शौक था ना मोहब्बत से मुहब्बत करने का ,
मोहब्बत है आप से अगर फिर भी जतानी पड़े।।
इतने से भी फिर उसको सीखनी पड़े ।।
अपनी feeling बता के फिर समझानी पड़े ..!!
नही रह पाएंगे , बिना उसके ये बात भी मर के बतानी पड़े ।।
Barfa 🤍
शौक था ना मोहब्बत से मुहब्बत करने का ,
मोहब्बत है आप से अगर फिर भी जतानी पड़े।।
इतने से भी फिर उसको सीखनी पड़े ।।
अपनी feeling बता के फिर समझानी पड़े ..!!
नही रह पाएंगे , बिना उसके ये बात भी मर के बतानी पड़े ।।
Barfa 🤍
मैं ये सब कर तो रहा हूँ,
मैं ये सब करना नहीं चाहता था।।
मैं ऐसा बन जो गया हूँ,
मैं ऐसा बनना नहीं चाहता था।
मैं ये सब करना नहीं चाहता था।।
मैं ऐसा बन जो गया हूँ,
मैं ऐसा बनना नहीं चाहता था।
हम खामोश ही ठीक है साहब ।
हमारी बातों से लोग रूठते बहुत है ।।
ज्ञान अज्ञान
हमारी बातों से लोग रूठते बहुत है ।।
ज्ञान अज्ञान
Himmat na haar bas chalta chal, zindagi rasta tuje dikha rahi ...
Talash kar hunar ko tere, kamyaab tuje vo bana rahi...
Jo har chere ko pahchan le, vo aaina tuje dikha rahi...
Har raat ke baad subah hogi, ye baat tuje samjha Rahi ....
Zindagi naam hai uska, vo jeena tuje sikha rahi !!
#$
Talash kar hunar ko tere, kamyaab tuje vo bana rahi...
Jo har chere ko pahchan le, vo aaina tuje dikha rahi...
Har raat ke baad subah hogi, ye baat tuje samjha Rahi ....
Zindagi naam hai uska, vo jeena tuje sikha rahi !!
#$